तिल्दा नेवरा में जमीन दलालो के उड़ान की कोई सीमा नही, 30 हजार वर्गफीट जमीन खरीदकर 42 हजार वर्गफीट पर कर दी अवैध बिक्री …..

प्रकाश जोशी

तिल्दा नेवरा :- ग्राम पंचायत तुलसी निवासी केशव शरण वैष्णव ने कहा विगत कुछ वर्षों से तिल्दा नेवरा जिला रायपुर छ.ग. राजस्व विभाग के समक्ष लगभग 3 वर्षों से राजकुमार भीखवानी व अन्य के विरूद्ध छल कपट व कूट रचित दस्तावेज तैयार कर मेरे पिता की जमीन को विक्रय करने के सबंध में शिकायत प्रस्तुत किया था जिसमें आरोपियों के द्वारा गजब का कारनामा करते हुए एक राय होकर 30000 वर्गफीट भूमि क्रय कर 42000 वर्गफीट विक्रय कर दिया गया जो अपराध की श्रेणी में आता है। महोदय के द्वारा प्रकरण कमांक 202209113000045 (न्यायालय अपर कलेक्टर) के द्वारा अपराध पंजीबद्ध करने का आदेश स्थिर रखा गया था एवं दिनांक 01.06.2023 को लोक अभियोजक द्वारा मार्ग दर्शन पत्र प्राप्ति में आरोपी के विरुद्ध भा.द.वि. धारा 420, 467, 468, 471 व 120-बी के तहत अपराध पंजीबद्ध करने मार्गदर्शित किया तथा पुनः माह दिसम्बर 2023 को भी इसी धारा के अंतर्गत रखा गया था तत्पश्चात मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तिल्दा के न्यायालय से संज्ञान क्रमांक 24 दिनांक 6/2/2024 के माध्यम से संज्ञान प्राप्त हुआ कि आवेदक केशव वैष्णव के द्वारा प्रस्तुत आवेदन अंतर्गत धारा 156/(3) दंड प्रक्रिया संहिता को आदेश दिनांक 6 /2 /2024 को स्वीकार किया गया जिस पर सभी अभियुक्त गण (1)राजकुमार भिखवानी पिता उधोमल भिखवानी निवासी तिल्दा कैम्प (2)सुरेश कुमार भिखवानी पिता रामचंद भिखवानी निवासी तिल्दा कैम्प (3)दिव्या तनेजा पति अशोक तनेजा निवासी तेलीबांधा रायपुर के ऊपर अपराध पंजीबद्ध किया गया है वही केशव वैष्णव ने आरोप लगाया कि अनुविभागीय अधिकारी प्रकाश टंडन एवं तत्कालीन तहसीलदार सरिता मडरिया की मिलीभगत से आरोपियों को बचाने का हर संभव प्रयास किया गया कार्यालय में प्रकरण से संबधित अभिमत के सभी दस्तावेज संलग्न है। लेकिन उक्त प्रकरण से दस्तावेज गायब है। आगे केशव वैष्णव ने यह भी बताया कि कोर्ट से प्राथमिकी दर्ज करने काआदेश 06/02/2024 हुआ है लेकिन बावजूद इसके थाना प्रभारी के द्वारा मुलजिमों को फरार होने का मौका देते हुए 12/02/2024 को प्राथमिकी दर्ज की गई जिससे सब जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन का इसमें मिली भगत है इस मामले में मुझे विगत कई वर्षों से शासन प्रशासन से कार्यवाही के नाम से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा था ज़मीन दलाल पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही थी लेकिन न्यायालय के शरण में जाने पर मुझे देर सवेर न्याय जरूर मिला जिससे यह साबित होता है कि सत्य परेशान जरूर हो सकता है लेकिन हार नहीं सकता|

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