राष्ट्रीय विकास की धारा / रिपोर्टर प्रकाश जोशी
Date 5 Mar 2025
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र में महतारी वंदन योजना को लेकर विपक्ष हंगामा जिसपर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने विपक्ष के सवालों का बड़ी आसानी से जवाब दिया। वहीं, सदन की कार्यवाही के बाद उन्होंने मीडिया से बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना में आवेदन की प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के छठवें दिन की कार्यवाही जारी है. इस दौरान सदन में महतारी वंदन योजना को लेकर जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने हितग्राहियों की संख्या में गिरावट को लेकर सवाल खड़े किए. इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए पेंशनधारी महिलाओं को योजना का लाभ न मिलने का आरोप भी लगाया. इस बीच मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया.
प्रश्नकाल के दौरान विधायक उमेश पटेल ने प्रदेश में महतारी वंदन योजना के अंतर्गत पंजिकृत हितग्राही का मामला सदन में उठाया. उन्होंने पूछा कि क्या वर्तमान में हितग्राहियों की संख्या में कमी आई है? इस योजना में फर्जी नाम से लाभ लेने का मामला भी आया है? ये कहां-कहां संज्ञान में आया है? क्या इसके लिए सत्यापन का कोई नियम है?
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने इस पर जवाब देते हुए बताया कि प्रथम पंजीयन 20/2/2024 तक कुल 70,27,154 हितग्राही द्वारा किया गया था. पंजीकृत आवेदकों में 69,63,621 हितग्राही पात्र हैं। उन्होंने बताया कि हितग्राहियों में कमी आई है, लेकिन हितग्राही की मृत्यु होने लाभ त्याग करने और दो आवेदन के प्रकरण या अपात्र होने के कारण आई है। फर्जी नाम से लाभ प्रात होने का मामला बस्तर जिले से प्रात हुआ है.
पटेल ने पूछा कि जो महिलाएं 60 साल के ऊपर है और वो लाभार्थी हुईं उन्हें पेंशन मिल रहा है तो क्या उसे काटा जा रहा है या 500 रु दी जा रही है? राजवाड़े ने जवाब देते हुए कहा कि उन्हें अंतर की राशि दी जा रही है। पटेल ने पूछा कि यह तो आप लोग महिलाओं के साथ धोखा कर रहे हैं। जरूरतमंद महिलाओं को पूरा पैसा नहीं दिया जा रहा है। आप स्पष्ट रूप से घोषणा करें कि उनकी 500 की राशि नहीं काटी जाएगी।
राजवाड़े ने जवाब देते हुए कहा कि आपने पांच साल तो विधवा महिलाओं को 1000 रुपए नहीं दे पाए। हम तो अब कई बार किस्त दे पाए हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मसले को लेकर तीखी बहस व नोंकझोंक हुई। सत्ता पक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।