
- तिल्दा।
छत्तीसगढ़ के गौरव, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी खूबचंद बघेल के नाम पर बना तिल्दा का प्रमुख चौक आज बदहाली का प्रतीक बन चुका है। वर्षों से उपेक्षा झेल रहा यह चौक अब पूरी तरह जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। टूटे किनारे, उखड़ी सड़क, जगह-जगह कचरा और रात में अंधेरा—स्थिति इतनी खराब है कि स्थानीय लोग इसे शहर की सबसे बड़ी प्रशासनिक लापरवाही बता रहे हैं।
नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने कई बार मांग उठाई, लेकिन चौक के सुधार के नाम पर आज तक एक भी ठोस कदम नहीं उठाया गया।
जिस चौक का नाम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक के सम्मान में रखा गया था, वही चौक आज अपनी पहचान बचाने के लिए भी संघर्ष कर रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि—
“इतिहास बनाने वाले महापुरुष के नाम का चौक इस तरह बदहाल हो, यह बेहद दुखद और चिंताजनक है।”
सबसे बड़ा सवाल यह है कि—
क्या छत्तीसगढ़ शासन को इस महत्वपूर्ण स्थल की हालत दिख नहीं रही?
क्या ऐसे स्थानों की जिम्मेदारी केवल कागजों तक सीमित है?
यह भी साफ किया गया है कि किसी महापुरुष की तुलना का कोई इरादा नहीं है, क्योंकि तुलना से अनावश्यक विवाद पैदा होते हैं।
मुद्दा केवल इतना है कि—
खूबचंद बघेल जी के सम्मान में बने चौक को उसकी गरिमा और ऐतिहासिक महत्व के अनुरूप विकसित किया जाए।
अब तिल्दा की जनता की निगाहें शासन-प्रशासन पर टिकी हैं—
क्या बदहाल चौक की सुध ली जाएगी या उपेक्षा का यह कलंक ऐसे ही बढ़ता रहेगा?



