मध्य प्रदेश में दिल दहला देने वाली घटना: सरकारी टीचर मां-बाप ने चार दिन के नवजात को जंगल में फेंका, बालक की बची जान

छिंदवाड़ा, 6 अक्टूबर 2025
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक दंपती ने अपनी चार दिन की मासूम संतान को जंगल में मरने के लिए फेंक दिया। मानवता को शर्मसार कर देने वाली इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि, भगवान की कृपा से बच्चे की जान बच गई।
पुलिस के अनुसार, आरोपी माता-पिता की यह चौथी संतान थी। सितंबर के अंतिम दिनों में बच्चे का जन्म हुआ था। बताया गया कि दोनों आरोपी — बबलू डंडोलिया और उनकी पत्नी राजकुमारी डंडोलिया, जो दोनों ही सरकारी प्राथमिक स्कूल में शिक्षक हैं — ने नवजात को सुनसान इलाके के रोड घाट जंगल में ले जाकर पत्थरों के बीच दबा दिया।
घटना का खुलासा तब हुआ जब एक बाइक सवार व्यक्ति जंगल के रास्ते से गुजर रहा था। उसे वहां किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। पास जाकर देखने पर उसने नवजात को पत्थरों के बीच तड़पता पाया। उसने तत्काल स्थानीय लोगों और पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
पुलिस ने दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में प्रारंभिक जानकारी मिली है कि आरोपी दंपती पहले से तीन बच्चों के माता-पिता हैं — जिनकी उम्र क्रमशः 8, 6 और 4 वर्ष है। चौथे बच्चे के जन्म के बाद उन्होंने पारिवारिक और सामाजिक दबाव के चलते यह अमानवीय कदम उठाया।
फिलहाल पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। बाल संरक्षण विभाग भी इस मामले में सक्रिय हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना ने इंसानियत को झकझोर दिया है। एक मां-बाप, जो शिक्षा देने का कार्य करते हैं, उनसे इस तरह का कृत्य समाज के लिए शर्मनाक मिसाल है।