
तिल्दा। रिपोर्टर – ललित अग्रवाल
श्री बालाजी मंदिर, श्री गोकर्ण भक्ति धाम आश्रम तुलसी तिल्दा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस में भक्ति की महिमा और मानव जन्म की दुर्लभता पर सुंदर प्रवचन हुए। कथा व्यास श्री कृष्णेन्द्र जी महाराज ने कहा कि यह कथा साधारण नहीं, देवों के लिए भी दुर्लभ है। स्वयं देवराज इंद्र को भी इसका श्रवण अवसर नहीं मिला — इतनी पवित्र और दिव्य है श्रीमद्भागवत कथा। जिस भक्त पर भगवान की असीम कृपा होती है, वही इसका श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त करता है।

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति प्रेम, श्रद्धा और भक्ति भाव से कथा सुनता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। भक्ति का आदर्श उदाहरण मीराबाई हैं, जिन्होंने संसार की बाधाओं के बावजूद समर्पण से श्रीकृष्ण को ही अपना सर्वस्व माना। उनका अटूट विश्वास आज भी भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

कथा व्यास ने कहा कि भगवान हर परिस्थिति में हमारे साथ हैं। वे हमारे हर दुःख-सुख के साक्षी हैं और हमें सही दिशा देने का सतत प्रयास करते हैं। श्रीकृष्ण कहते हैं — इस संसार की हर सृष्टि मेरे ही अंश हैं, परंतु उनमें मानव सबसे प्रिय है, क्योंकि उसी में भक्ति, प्रेम और आत्मज्ञान की क्षमता है।
उन्होंने अभिमान को मनुष्य के पतन का प्रमुख कारण बताया। ज्ञान, धन, रूप या पद का घमंड ही व्यक्ति को भगवान की कृपा से दूर कर देता है। इतिहास इसका स्पष्ट प्रमाण है।
संस्कारों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सुयोग्य एवं संस्कारवान संतान ही परिवार को स्वर्ग तुल्य बनाती है। केवल शिक्षा पर्याप्त नहीं; संस्कार ही समाज और धर्म को स्थिर रखते हैं।
आगामी कार्यक्रमों की जानकारी:
• कल — भगवान श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव
• 1 दिसम्बर — विभिन्न तीर्थों से पधारे हुए संत-महापुरुषों का सत्संग एवं दर्शन लाभ
• 2 दिसम्बर — श्री गोदा-रंगनाथ कल्याण विवाह महोत्सव
कथा आयोजन विवरण
📅 दिनांक : 25 नवम्बर से 01 दिसम्बर
⏰ समय : दोपहर 2:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक
📍 स्थान : श्री बालाजी मंदिर, श्री गोकर्ण भक्ति धाम आश्रम, तुलसी तिल्दा, रायपुर (छत्तीसगढ़)
श्रीमद्भागवत कथा के इस भव्य आयोजन में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्तजन भाग लेकर श्रद्धा-भक्ति का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।



