
रायपुर :- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्ञान, धन और भाग्य के कारक ग्रह देवगुरु बृहस्पति अगले महीने 11 नवम्बर 2025, मंगलवार की रात 10:11 बजे सेचंद्रमा की कर्क राशि में वक्री हो जाएंगे। कर्क राशि गुरु की उच्च राशि मानी जाती है, जहां उनका प्रभाव सबसे अधिक फलदायी होता है। इस अवधि में गुरु का प्रभाव विशेष रूप से 4 राशियों – वृषभ, तुला, वृश्चिक और मीन पर शुभ फल देने वाला रहेगा।
वृषभ राशि
देवगुरु बृहस्पति के वक्री होने से वृषभ राशि वालों को आर्थिक लाभ के योग बनेंगे। अचानक धन प्राप्ति या पुराने निवेश से बड़ा मुनाफा हो सकता है। रुके हुए लोन चुकाने में राहत मिलेगी। घर-परिवार की समस्याएं सुलझेंगी और जातक का मन स्थिर रहेगा। आध्यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी और मन की शांति प्राप्त होगी।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए यह समय परिवार और संपत्ति से जुड़ी खुशखबरी लाएगा। पुराने विवाद सुलझने के योग हैं। नई आर्थिक संभावनाएं बनेंगी, जिससे धन आगमन बढ़ेगा। मानसिक तौर पर जातक अधिक संतुलित और आत्मविश्वासी रहेंगे। पैतृक संपत्ति से जुड़ी अटकी हुई बातों में प्रगति होगी। गुरु का आशीर्वाद लेना अत्यंत शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह समय संबंधों में मजबूती लाएगा। भाई-बहनों या मित्रों से सहयोग मिलेगा। ज्ञान, लेखन, शिक्षा और यात्राओं से जुड़ी गतिविधियों में प्रगति होगी। आत्म-अनुशासन बढ़ेगा और रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। बातचीत से विवाद सुलझेंगे और नई दिशा में विकास के अवसर मिलेंगे।
मीन राशि
गुरु की वक्री चाल मीन राशि वालों के लिए अत्यंत लाभकारी रहेगी। जातक अधिक विचारशील और संवेदनशील बनेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और मित्रों का सहयोग मिलेगा। पुराने लक्ष्य पूरे होंगे तथा पुराने निवेश से धीरे-धीरे बड़ा लाभ मिल सकता है। गुरु का आशीर्वाद मिलने से भाग्य का सितारा ऊँचा रहेगा।




