GRAND NEWS: देश का गीत, फिर भी विवाद — ‘वंदे मातरम’ गाने में मुस्लिम समुदाय को आपत्ति क्यों?
कई मुस्लिम संगठनों व इस्लामी विद्वानों ने इसे गाने से साफ इनकार किया है।
GRAND NEWS: देश के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को लेकर विवाद नए सिरे से गरम हो गया है, क्योंकि आज संसद में इस पर विशेष चर्चा होने वाली है और कई मुस्लिम संगठनों व इस्लामी विद्वानों ने इसे गाने से साफ इनकार किया है।
उनका कहना है कि गीत में मातृभूमि को देवी-दुर्गा के रूप में संबोधित किया गया है और पूजा के रूप में वंदन करने की बात कही गई है, जो इस्लाम के एकेश्वरवाद सिद्धांत के विरोध में है, जबकि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी स्कूलों में वंदे मातरम को अनिवार्य करने की घोषणा करते हुए कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है, इसी के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मदनी, सांसद जियाउर्रहमान बर्क और कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर अतिक्रमण बताया; विद्वानों का तर्क है कि वंदे मातरम की मूल रचना देवी स्तुति से जुड़ी है, इसलिए इसे पढ़ना ‘इबादत के टकराव’ जैसा है, हालांकि वे साफ कहते हैं कि मुसलमान देश से प्रेम और सम्मान रखते हैं, पर पूजा के रूप में गीत स्वीकार नहीं कर सकते — ऐसे में आज संसद की चर्चा और उससे पैदा होने वाला सियासी माहौल देशभर की निगाहों में है।




