25 अक्टूबर को विनायकी चतुर्थी और शनिवार का शुभ संयोग: गणेश जी के साथ शनिदेव की पूजा से दूर होंगे कष्ट
ज्योतिषविदों के अनुसार, भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं और शनिवार के दिन इनकी पूजा से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।
रायपुर : कल, शनिवार 25 अक्टूबर को विनायकी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इस साल यह दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि इस दिन चतुर्थी और शनिवार का एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषविदों के अनुसार, भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं और शनिवार के दिन इनकी पूजा से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि इस दिन गणेश जी के साथ-साथ शनिदेव की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और

ढैय्या से पीड़ित लोगों को विशेष राहत मिल सकती है।
विशेष संयोग का महत्व
विघ्नहर्ता गणेश: गणेश जी सभी विघ्नों को दूर करने वाले देवता माने जाते हैं। जो लोग शनि दोष से पीड़ित हैं, वे गणेश जी की पूजा करके शनि के अशुभ प्रभावों को कम कर सकते हैं।
शनिदेव की कृपा: शनिदेव न्याय के देवता हैं। भगवान गणेश की पूजा से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं, जिससे जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
सभी राशियों के लिए लाभ: हालांकि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित राशियों के लिए यह संयोग विशेष लाभकारी है, लेकिन सभी राशि के लोग इस दिन पूजा करके लाभ उठा सकते हैं।
पूजन विधि और उपाय
गणेश जी की पूजा:
सुबह जल्दी स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
गणेश जी को दूर्वा की 21 गांठें और मोदक चढ़ाएं।
पूजा करते समय ॐ गणेशाय नमः का जाप करें।
शनिदेव की पूजा:
शनिदेव की पूजा के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
नीले रंग के फूल और काले तिल अर्पित करें।
शनिदेव के मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
सूर्यास्त के बाद पूजा करना शुभ माना जाता है।
विशेष लाभ के लिए:
काले तिल, काले कपड़े और उड़द दाल का दान करें।
अगर संभव हो तो पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।
ज्योतिषीय सलाह: जो जातक शनि के दुष्प्रभाव से परेशान हैं, उन्हें कल इस शुभ संयोग का लाभ उठाते हुए दोनों देवताओं की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से न केवल शनि के अशुभ प्रभाव कम होंगे, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता भी मिलेगी।





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